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रोजाना सुबह इस जूस को पीने से मिलती है डायबिटीज से राहत
रोजाना सुबह इस जूस को पीने से मिलती है डायबिटीज से राहत
डायबिटीज या मधुमेह से आज पूरी दुनिया में अधिकतर लोग पीड़ित हैं और भारत में तो मधुमेह रोगियों की संख्या पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है। खानपान में कई तरह के परहेज, इन्सुलिन इंजेक्शन और दवाइयों के इस्तेमाल के बावजूद डायबिटीज को कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। हालांकि कुछ ऐसे घरेलू उपचार हैं जिनसे आप अपने ब्लड ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करके डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं। करेले और लौकी के जूस से होने वाले फायदों के बारे में तो हम सब जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वीट्ग्रास जूस भी डायबिटीज के मरीजों के लिये बहुत फायदेमंद है।
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वीट्ग्रास जूस कई तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद होता है, यह वजन को कम करने में सहायक तो है ही साथ ही यह पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में भी आराम पहुंचाता है। पनाचे स्किन एंड हेयर क्लिनिक एंड स्लिमिंग सेंटर की डॉ. नम्रता भाराम्बे बताती हैं की वीट्ग्रास जूस में बहुत अधिक मात्रा में फाइबर होता है इसलिये यह डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद करता है। फाइबर से आपका पेट काफी लम्बे समय तक भरा रहता है जिससे आपके शरीर के ब्लड ग्लूकोज लेवल में कम परिवर्तन होता है। जर्नल एडवांसेज इन फार्माकोलॉजी साइंस में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, वीट्ग्रास पाचक ग्रंथि द्वारा होने वाले इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ा देता है। शोध में यह बात भी पता चली की यह जूस आपके एचबीए1सी (HbA1C) लेवल को कम करता है साथ ही हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ा देता है जिस कारण डायबिटीज और उससे होने वाली बीमारियों से बचाव होता है।
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शोध के अनुसार, डायबिटीज से पीड़ित अधिकांश मरीजों में कोलेस्ट्रॉल लेवल और सीरम ट्राई ग्लायसेराइड लेवल काफी बढ़ा हुआ होता है जिससे उनमें दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। लेकिन व्हीट ग्रास जूस आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल, वीएलडीएल(VLDL) , एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लायसेराइड लेवल को काफी हद तक कम कर देते हैं जिससे डायबिटीज से होने वाली परेशानियों से बचाव होता है।
व्हीटग्रास जूस को कैसे पियें: वैसे तो आजकल बाज़ार में भी रेडीमेड वीट्ग्रास जूस उपलब्ध हैं लेकिन अगर आप इसे घर पर बनाना चाहते हैं, तो आप व्हीट ग्रास को घर में उगा सकते हैं और रोज सुबह इसका ताजा जूस पी सकते हैं। सात दिन पुरानी वीट्ग्रास को अच्छे से धो लें और पानी के साथ ग्राइंड कर लें। इस जूस को किसी मलमल के कपड़े की मदद से छान लें और रोजाना सुबह इसका खाली पेट ही सेवन करें।
चित्र स्रोत: Shutterstock
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वजन कम करना चाहते है, तो ये है सबसे आसान उपाय
आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति मोटापे से परेशान है। जिसके कम करने के लिए न जाने क्या-क्या करते है। घंटो में जिम में समय बीताना, डाइटिंग करना, जंक फूड से दूरी बनाना। कई लोग के साथ होता है कि वह अपना वजन तो कम करना चाहते है, लेकिन अपने अनियमित खान-पान के कराण इसे छोड़ नहीं पाते है। जिसके कारण वह अधिक एक्सरसाइज करने के बाद भी अपना वजन नहीं कम कर पाते है।
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अगर आप भी मोटापा से बहुत ज्यादा परेशान है, लेकिन आपको जंक फूड छोड़ने और जिम जाने के बाद भी वजन कम नहीं हो रहा है तो इसके लिए जरुरी नहीं कि आप अपना खान-पान ही सही रखें बल्कि इसे सही समय में खाना बहुत ही जरुरी है। एक शोध में यह बात सामने आई कि अगर आप समयानुसार भोजन करते है तो आपको वजन घटाने में मदद मिल सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ मर्सिया के स्पेनिश डॉक्टरों ने एक अध्ययन कि जिसके अनुसार सही समय पर खाने से प्रभावी रूप से वजन घटाने में मदद वजन कम करने में प्रोटीन और और फाइबर से भरपूर डायट का अहम रोल होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि मेटाबोलिज्म बढ़ाने के लिए आपके लंच के समय का भी बहुत बड़ा रोल होता है?
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में 420 लोगों को शामिल किया। इन्हें 20 हफ्ते के लिए वजन कम करने के प्लान में शामिल किया और इन लोगों को 2 ग्रुप पहला-देरी से खाने वाले और दूसरा जल्दी खाने वाले। 20 हफ्ते बाद देखा गया कि जल्दी खाने वाले लोगों में न केवल वजन कम करने में कमी देखी गयी बल्कि वजन कम करने की दर में भी कमी देखी गयी थी। दूसरी ओर जल्दी खाने वाले लोगों को जल्दी से वजन कम करने में मदद मिली थी।
शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि देरी से खाने वाले लोगों यानी कि शाम और रात को जल्दी खाने वाले लोगों की तुलना में अधिक बार नाश्ता भी छोड़ दिया था। डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि देर से खाना वजन कम करने में बाधा पैदा कर सकता है। उन्होंने ये भी माना है कि अगर आप वजन कम करने का अच्छा परिणाम देखना चाहते हैं, तो अपने खाने के समय का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है।
मोटापा घटाने के लिए इस समय करें भोजन
वजन कम करने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए रोजाना 1.30 बजे तक लंच करना अच्छा होता है। इसके अलावा 9.30 बजे तक रात का खाना खा लेना चाहिए।
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अगर आप हेयर कलर लगाते हैं, तो ये जानकारी है आपके लिए!
अगर आप हेयर कलर लगाते हैं, तो ये जानकारी है आपके लिए!
बाल कितने वक्त बाद कलर करवाने चाहिए, जानने के लिए पढ़ें।
मेरी उम्र 38 साल है और कुछ बाल ग्रे होने लगे हैं। मुझे कब-कब हेयर कलर करना चाहिए? या टच अप कितने दिन बाद करूं? क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे कि बालों पर कलर ज्यादा वक्त तक टिका रहे? कृपया सलाह दें।
इस सवाल के जवाब के लिए मुंबई की सलून ओनर और ब्यूटी एक्सपर्ट शैलजा राओ के इनपुट्स लिए गए हैं।
अगर आप बाल कलर करती हैं तो आपको 4-6 हफ्तों में टचअप करना चाहिए, जितनी देर से दोबारा कलर करेंगी उतना अच्छा रहेगा। जितनी जल्दी आप हेयर कलर करना शुरू करेंगी उतनी जल्दी आपके बालों के ग्रे होने लगेंगे। असल में, नियमित रूप से बालों को कलर करने से बाल डैमेज होने लगते हैं। इसलिए अच्छा है कि आप अगर परमानेंट हेयर कलर करवाती हैं तो दो सेशन के बीच 4-6 महीनों का फर्क रखें। लेकिन आप रूट टच अप हर 4-5 हफ्तों में कर सकती हैं। हालांकि सबसे अच्छा तो ये है कि हेयर कलर को मेंटेन करके रखने की कोशिश की जाए, उसे हल्का होने से बचाया जाए। इससे आपके बाल डैमेज होने से अपने आप ही बच जाएंगे। (इसे भी पढ़ें – बालों की हर समस्या का सिर्फ एक इलाज, भृंगराज तेल!)
हेयर कलर को ज्यादा वक्त तक बनाए रखने के लिए आप इन टिप्स को अपना सकती हैं:
- बालों के लिए सही कलर चुनना बहुत जरूरी है। कोशिश करें कि डार्क कलर चुनें। इससे वो हल्का देर से होता है और आपके ग्रे बाल किसी लाइट कलर के मुकाबले देर से दिखना शुरु होंगे।
- ध्यान रखें कि आपकी स्टाइलिस्ट बालों के रूट पर पहले कलर लगाएं, इससे कलर लंबे वक्त तक बना रहेगा। कलर थोड़े थोड़े बाल लेकर लगाएं, ताकि वो एक या दो हफ्तों में निकल न जाए।
- बाल कलर करने के 2-3 दिन बाद बालों को शैंपू करें। इससे बालों को एब्जॉर्ब होने का एक्स्ट्रा टाइम मिल जाएगा, और वो लंबे वक्त तक टिकेंगे। कलर्ड बालों के लिए मिलने वाले स्पेशल शैंपू और कंडीशनर का इस्तेमाल करें। ये न कलर को प्रॉटेक्ट करता है, और बालों को होने वाले केमिकल नुकसान होने से भी बचाता है।
- धूप से हेयर कलर हल्का होने लगता है, इसलिए धूप में बालों को ढक कर निकले।
चित्र स्रोत – Shutterstock
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चेहरे पर निकले सफेद दानों को फोड़ना होता है ख़तरनाक, जाने क्यों!

चेहरे पर अक्सर सफेद दाने निकल आते हैं जिन्हें वाइटहेड (whitehead) भी कहा जाता है। ये दाने आपका लुक खराब करते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि आपके माथे, नाक के आसपास और गाल पर ये सफेद दाने क्यों निकलते हैं? मुंबई के क्रिटीकेयर की डर्मेटोलॉजिस्ट सेजल शाह से हमने इसी समस्या से जुड़े कुछ सवाल पूछे।
जिस तरीके से ऑयल ग्लैंड्स से बहुत अधिक ऑयल निकलना, कुछ कॉस्मेटिक प्रॉडक्ट्स, गंदगी, बैक्टीरिया और डेड सेल्स पिंपल्स और ब्लैकहेड का कारण बनते हैं, उसी तरीके से ये वाइटहेड का कारण भी बन जाते हैं। इसके लिए मुख्य कारण होता है कि आपकी स्किन के हेयर फॉलिकल्स स्किन पर मौजूद बैक्टीरिया और ऑयल से ब्लॉक हो जाते हैं। इसकी वजह से ही सफेद दाना हो जाता है।
क्या वाइटहेड को फोड़ना या दबाना ठीक है?
वाइटहेड से तुरंत छुटकारा पाने का सबसे आसान तरीका तो यही नज़र आता है कि इसे फोड़ दिया जाए। लेकिन असल में, वाइटहेड को फोड़ देने से आफ समस्या से छुटकारा नहीं पाते बल्कि उसे और बढ़ा लेते हैं। जब आप वाइटहेड को फोड़ते हैं तो इसके अंदर भरा ऑयल, बैक्टीरिया और अन्य अवशेष पदार्थ आसपास की त्वचा पर फैल जाते हैं, और ये इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं। इसे दबाने से बैक्टीरिया और ऑयल स्किन के पोर में और अंदर तक जा सकता है जिससे वाइटहेड और बड़ा हो सकता है। फिर इसे छिपाना भी मुश्किल हो जाएगा और ठीक होने में भी काफी वक्त लगेगा। साथ ही, इससे वाइटहेड का निशान स्किन पर पड़ सकता है।
वाइटहेड्स से कैसे बचें?
वाइटहेड्स से बचने के लिए चेहरे को साफ रखना सबसे ज़रूरी है। हेयर फॉलिकल के पोर को क्लॉग्ड होने से बचाने के लिए दिन में दो बार एक्सफॉलिएटिंग क्लींजर का इस्तेमाल करें। इससे डेड सेल्स और पोर साफ होंगे। ऐसे क्लींजर लें जिनमें सेलासाइलिक एसिड (salicylic acid ) और ग्लाइकॉलिक एसिड हों। इस तरह के क्लेंजर से वाइटहेड की समस्या दूर होने में मदद मिलती है।
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